Freedom Fighters Slogans in Hindi & English

नारे (Freedom Fighters Slogans) जनमानस को प्रेरित करने और क्रांति लाने के एक शक्तिशाली उपाय होते हैं। भारत के इतिहास में विभिन्न प्रमुख और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा विभिन्न समयों पर दिए गए शक्तिशाली नारों का एक दीर्घ इतिहास है। ये नारे हमारे स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा प्रभावी रूप से उपयोग किए गए थे। प्रत्येक नारे का एक अर्थ होता है जो जनमानस पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।

कुछ नारे ने युवा पीढ़ी की राष्ट्रभक्ति भावनाओं को जागृत करने के रूप में अग्नि की तरह काम किए और उन्हें स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। नारों ने लोगों को उनके आदर्शों के साथ जोड़ने में मदद की और उन्हें स्वतंत्रता संघर्ष में उनके नेताओं का भक्तिभावपूर्ण अनुसरण करने में मदद की।

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तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा ।

यह नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ और ‘जय हिंद’ जैसे बहुत प्रसिद्ध नारे भी दिए थे। उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज की स्थापना की थी । इस नारे का मकसद जनमानस के बीच ब्रिटिश अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए उनमें आत्मविश्वास डालना था।

इंकलाब जिंदाबाद

आरंभ में इस नारे को मौलाना हसरत मोहानीब ने दिया था, लेकिन इसका उपयोग और प्रसिद्धी बाद में भगत सिंह ने किया। ‘इंक़िलाब ज़िंदाबाद’ का अर्थ होता है “क्रांति को जीवित रहने दो”। इस नारे ने वो युवा भारतीयों को जज्बा भर दिया था जो अपने मातृभूमि के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाने के लिए तैयार थे।

अंग्रेजों भारत छोड़ो

मोहनदास करमचंद गांधी या महात्मा गांधी के रूप में जो प्रसिद्ध हैं, ने इस नारे को दिया था। इस नारे ने ब्रिटिश शासन के आंखिरी कील की तरह काम किया। इसके साथ ही, उन्होंने खेड़ा आंदोलन, चंपारण आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, असहमति आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे विभिन्न आंदोलनों में भाग लिया और उन्होंने उन्हें संगठित किया।

सत्यमेव जयते

इस वाक्य “सत्यमेव जयते” की उत्पत्ति मुण्डक उपनिषद् में है। पंडित मदन मोहन मालवीय, जिन्हें महानामा का उपाधि दिया गया था, ने 1918 में अपने प्रेसिडेंशियल भाषण में इस नारे का उपयोग किया। इससे यह नारा जनमानस में पहुंचा और उन पर गहरा प्रभाव डाला।

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा

मुहम्मद इकबाल ने 1904 में “तराना-ए-हिन्द” के रूप में लिखा था, जिसे “सारे जहाँ से अच्छा” कहा जाता है। इसे एक बहुत ही राष्ट्रभक्ति भरपूर गीत माना जाता है और यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक गीत बन गया। हालांकि, विभाजन के बाद, उन्हें पाकिस्तान के आध्यात्मिक पिता के रूप में माना गया।

आराम हराम है

यह नारा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था, जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। उनका मानना था कि आलस्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है।

स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा

बाल गंगाधर तिलक द्वारा इस नारे का उपयोग किया गया था। इसने लोगों में “स्वराज” के महत्व को बढ़ावा दिया और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया, साथ ही उनके देश प्रेम को उत्तेजित किया।

जय जवान जय किसान

लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में इस नारे को दिया था। उस समय भारत को पाकिस्तान की हमले का सामना करना पड़ा था और उसी समय खाद्यान्न की कमी भी थी। उन्होंने इस नारे के द्वारा किसानों और सैनिकों को आत्मविश्वास दिलाने का प्रयास किया।

साइमन वापस जाओ

लाला लाजपत राय, जो लाल-बाल-पाल त्रियो का हिस्सा थे, ने 1928 में ब्रिटिश सरकार द्वारा संविधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए साइमन कमीशन भेजने का विरोध किया था। इस कमीशन का विरोध किया गया क्योंकि इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था। इस संघर्ष के दौरान लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज के दौरान मौत हो गई।

करो या मरो

महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इस नारे का प्रयोग किया। भारत छोड़ो आंदोलन गांधीजी द्वारा 1942 में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए शुरू किया और मुंबई में उन्होंने एक प्रसिद्ध भाषण दिया जिसमें उन्होंने लोगों से करो या मरो की बुलाई दी थी।

Freedom Fighters Slogans
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Some Other Freedom Fighters Slogans

S.N.Slogan/PhraseGiven by
1Karo Ya Maro(Do or die)Mahatma Gandhi
2Tum Mujhe Khoon Do, Me Tumhe Ajadi Dunga(Give me blood and I will give you freedom)Subhash Chandra Bose
3Inqlaab Zindabad (Long Live the Revolution)Shaheed Bhagat Singh/ Hasrat Mohani
4Sare Jahan Se Achha Hindustan HamaraMuhammad Iqbal
5Jan Gan Man Adhinayak Jai HeRavindra Nath Tagore
6Desh Bachao, Desh BanaoP.V. Narsimha Rao
7Kam Adhik Batain KamSanjay Gandhi
8Swraj Hamara Janm Sidh Adhikar Hai(Swaraj is my birthright and I shall have it.)Baal Gangadhar Tilak
9Vande MataramBakim Chandra Chatarji
10Bharat Chhodo(Quit India)Mahatma Gandhi
11Maro Firangi KoMangal Pandey
12Jai Jawan, Jai Kisaan (Hail the soldier, Hail the farmer)Lal Bahadur Shastri
13Shramev JaiyteMrs. Indira Gandhi
14Dilli ChaloShubhash Chandra Bose
15Purn SwrajJawaharlal Nehru
16Desh Ki Puja Hi Ram Ki Puja HaiMadanlal Dhingra
17Kar Mat DoSardar Vallabh Bhai Patel
18Sampurn KrantiJaiprakash Narayan
19Kashmir ChaloDr. Murli Manohar Joshi
20Hey RamMahatma Gandhi
21Jai JagatBinova Bhave
22Samrajyavad Ka Nash HoBhagat Singh
23Simon Commission Vapas JaaoLala Lajpat Rai
24Vijyai Vishv Tiranga PyaraShyamlal Gupta
25Jai HindSubhash Chandra Bose
26Hindi, Hundu HindustanBhartendu Harishchandra
27Vedon Ki Or Lauto (Back to Vedas)Dayanand Saraswati
28Aaram Haram Hai(Cast off your laziness)Jawaharlal Nehru
29Sarfroshi Ki Tamanna Ab Hmare Dil Me HaiRamprasad Bismil
30Satyameva Jayate (Truth alone will win)Madan Mohan Malviya
31Kar mat do (Don’t give tax)Sardar Vallabhai Patel
32Sampurn Kranti (Total revolution)Jai Prakash Narayan
33Samarajywaad ka  Naash hoBhagat Singh
Freedom Fighters Slogans
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आधुनिक संदर्भ में Freedom Fighters Slogans

आज के विकसित हो रहे भारत में, ऐतिहासिक नारों की गूंज कायम है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की स्थायी याद दिलाती है और समकालीन समाज को देशभक्ति और एकता की गहरी भावना से भर देती है। आजादी की लड़ाई के दौरान एक समय जोश के साथ लगाए गए ये नारे आधुनिक चेतना में एकीकृत हो गए हैं, न केवल अतीत की याद दिलाते हैं बल्कि नागरिकों में अपने मूल्यों को बनाए रखने की जिम्मेदारी भी जगाते हैं। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, ये नारे देश को अधिक समावेशी, न्यायपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज की ओर ले जाते हैं। अपने ऐतिहासिक महत्व से परे, नारों में विविध आवाजों से भरे समाज में नागरिक सहभागिता को प्रेरित करने की शक्ति होती है ।

प्रभावी ढंग से तैयार किए गए, नारे जटिल विचारों को संक्षेप में पकड़ते हैं, स्थिरता, लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय और डिजिटल सशक्तिकरण जैसी समकालीन चुनौतियों का सामना करने के लिए नागरिकों को सामान्य कारणों के लिए एकजुट करते हैं। नारों की अंतर्निहित ऊर्जा का दोहन करके, समुदाय एकजुट हो सकते हैं, सार्थक संवाद छिड़ सकते हैं, और सामूहिक कार्रवाई प्रेरित कर सकती है, जिससे गंभीर मुद्दों का समाधान संभव हो सकेगा। ऐतिहासिक ज्ञान और आधुनिक आकांक्षाओं का यह सामंजस्य अतीत और वर्तमान को एकजुट करने, राष्ट्र के लिए अधिक जीवंत, भागीदारीपूर्ण भविष्य को आकार देने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है।

  1. दिल्ली चलो का नारा दिया था -सुभाष चंद्र बोस
  2. “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” – मो इकबाल
  3. जय युवा जय किसान का नारा दिया था – लाल शास्त्री शास्त्री जी ने
  4. संपूर्ण क्रांति का नारा दिया गया था? – जय प्रकाश नारायण
  5. “सरफ़रोसी की रोशनी अब हमारे दिल में है” कहा था?- राम प्रसाद विस्मिल
  6. “विजयी विश्व ध्वज प्रिय, झंडा ऊँचा रहे हमारा” नारा दिया था? -श्याम लाल गुप्ता
  7. करो या मरो का नारा दिया था? – महात्मा गांधीजी
  8. वेंडों की ओर से लौटो का संबंध कहा गया था? – दयानंद सरस्वती 
  9. इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया गया था? – भगत सिंह
  10. मारो फिरंगी को का नारा दिया था? – मंगल पांडे
  11. वंदे मातरम का नारा दिया था – बंकिम चंद्र चटर्जी
  12. स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार कहा गया है – बाल गंगाधर तिलक
  13. जय जगत का नारा दिया था – विनोवा भावे 
  14. आरामदायक हराम का सिद्धांत कौन सा था? – जवाहर लाल नेहरू
  15. पूर्ण स्वराज्य का कथन कहा गया था – जवाहरलाल नेहरू
  16. तुम मुझे खून दो मातुम्हे आजादी आजादी का नारा किसका है -सुभाष चंद्र बोस
  17. यदि भारत मर जाए तो कौन जीवित रहेगा? – जवाहरलाल नेहरू
  18. जय हिंद का नायरा कहा जाता है -सुभाष चंद्र बोस
  19. हे राम किसका वचन था – गवर्नर जी की
  20. अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया था – महात्मा गांधी ने
  21. कर मत दो का नारा दिया है – सरदार पटेल
  22. जन गण मन का नारा दिया था – भगवान नाथ ठाकुर
  23. साम्राज्यवाद का नाश हो -भगत सिंह
  24. साइमन वापस कमीशन जाओ – लाला लाजपत राय
  25. मेरे सर पर लाठी का एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगी – लाला लाजपत राय

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