Enhancing Education Through CCLE: Transforming School Education in Madhya Pradesh

Welcome to CCLE in Education – your gateway to innovative and transformative education in the state of Madhya Pradesh. We, at Education with CCLE, are committed to revolutionizing the educational landscape through our cutting-edge approach, inspired by the New Education Policy 2020. Our core focus revolves around implementing progressive teaching methodologies, promoting inclusivity and fostering holistic development.

CCLE in Education
CCLE in Education

Well Come to CCLE – शिक्षा की एक समावेशी और संवेदनशील सोच की ओर

शिक्षा केवल ज्ञान देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह बच्चों के समग्र विकास की बुनियाद होती है। इसी सोच को केंद्र में रखते हुए, CCLE (सतत और व्यापक अधिगम और मूल्यांकन) की अवधारणा सामने आती है – जो केवल परीक्षा प्रणाली नहीं, बल्कि शिक्षा की पूरी प्रक्रिया को समझने और संवेदनशील बनाने का प्रयास है।

Our Categories

CCLE - Students learning

CCLE

Comprehensive Continuous Learning Evaluation resources and information.

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CCLE क्या है?

CCLE का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है जो बाल-केंद्रित, समावेशी और न्यायपूर्ण हो। इसका लक्ष्य न केवल जानकारी देना है, बल्कि विद्यार्थियों में जिज्ञासा, तर्कशीलता, रचनात्मकता और समाज के प्रति संवेदनशीलता को भी विकसित करना है। यह शिक्षा प्रणाली बच्चों को डर और तनाव से मुक्त वातावरण में सीखने का अवसर देती है, जहाँ वे अपने अनुभवों से ज्ञान अर्जित कर सकें।

शिक्षा का नया दृष्टिकोण

आज की शिक्षा प्रणाली को इस दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है जहाँ हर बच्चा अपने अनुभव, सोच और भावनाओं के आधार पर सीख सके। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE 2009) इस बदलाव की नींव रखते हैं। इनमें यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह बच्चों के सामाजिक, मानसिक और नैतिक विकास का भी साधन होनी चाहिए।

CCLE के तहत मूल्यांकन : केवल अंक नहीं, बल्कि समझ का परीक्षण

CCLE का मूल्यांकन तंत्र पारंपरिक परीक्षा पद्धति से अलग है। यह बच्चों की सोचने, सवाल करने, समझने और आत्म-विश्लेषण करने की क्षमता को प्राथमिकता देता है। इसका लक्ष्य यह देखना है कि बच्चा अपने अनुभवों के साथ कितनी गहराई से सीख रहा है, न कि वह कितनी जानकारी याद रख पा रहा है।

क्यों ज़रूरी है CCLE?

  • यह बच्चों को उनके अनुभवों का सम्मान देना सिखाता है।
  • यह रटंत प्रणाली से बाहर निकल कर समझ आधारित शिक्षा की ओर ले जाता है।
  • यह शिक्षा को बच्चों की वास्तविक दुनिया से जोड़ता है
  • यह बच्चों के समग्र विकास (मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक) पर ध्यान देता है।
  • यह भेदभाव रहित, समावेशी और संवेदनशील शिक्षा प्रणाली की वकालत करता है।

CCLE: हर बच्चे को समझने और अपनाने का माध्यम

हर बच्चा अद्वितीय है। उसकी सीखने की शैली, रुचियाँ और पृष्ठभूमि अलग होती है। CCLE यह मानता है कि सभी बच्चों की भिन्नताओं को स्वीकारते हुए, उनके लिए अनुकूल शिक्षण योजनाएं बननी चाहिए। इसी में है एक सशक्त, सजीव और नैतिक समाज की बुनियाद।

अगर आप भी शिक्षा के इस नए दृष्टिकोण को समझना चाहते हैं, और बच्चों के विकास के प्रति गंभीर हैं, तो CCLE का यह मंच आपके लिए है। आइए मिलकर एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की ओर कदम बढ़ाएं, जो हर बच्चे के अनुभव, कौशल और अभिव्यक्ति को महत्व देती है।

👉 और जानने के लिए CCLE के बारे में अधिक पढ़ें

बच्चों के लिए स्कूल का अनुभव कैसा होना चाहिए?

हम यह नहीं भूल सकते कि जब बच्चा पहली बार स्कूल में कदम रखता है, तो वह पहले से ही कई अनुभवों से समृद्ध होता है। बच्चे “खाली स्लेट” नहीं होते, जिन पर शिक्षक जानकारी लिखते हैं, बल्कि वे अपने परिवेश से प्राप्त अनुभवों के आधार पर सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार होते हैं। CCLE इस विचार को केंद्र में रखता है कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब वह बच्चों के व्यक्तिगत अनुभवों और ज्ञान से जुड़ती है। इसलिए शिक्षण की शुरुआत उनके पहले से अर्जित ज्ञान और जिज्ञासाओं को समझने से होनी चाहिए।

CCLE एक सतत, समग्र और अनुभवजन्य प्रक्रिया है

शिक्षा केवल स्कूल तक सीमित नहीं होती। बच्चे घर, मोहल्ले, समुदाय और रोज़मर्रा के जीवन से भी सीखते हैं। इसलिए CCLE यह सुनिश्चित करता है कि कक्षा में किया गया शिक्षण बच्चों के जीवन के दूसरे पक्षों से भी जुड़ा हो।

सीखने की प्रक्रिया को मौखिक संवाद, सहयोगात्मक गतिविधियों और प्रोजेक्ट आधारित अध्ययन के रूप में अपनाया जाना चाहिए, ताकि बच्चा अपनी बात कह सके, सोच को अभिव्यक्त कर सके और अपने अनुभवों को नए ज्ञान से जोड़ सके।

मूल्यांकन का नया रूप – बच्चों की विविधता को स्वीकारें

CCLE यह मानता है कि हर बच्चा अलग होता है और उसी के अनुसार उसकी सीखने की प्रक्रिया भी भिन्न होती है। ऐसे में मूल्यांकन को ‘एक ही मापदंड’ के बजाय ‘विविधता को पहचानने’ का उपकरण होना चाहिए।

मूल्यांकन में यह देखा जाना चाहिए कि बच्चा:

  • अपने सीखे हुए ज्ञान को कैसे जीवन से जोड़ता है,
  • कौन-से सवाल उसके भीतर जिज्ञासा पैदा करते हैं,
  • वह जानकारी को कैसे समझता और प्रयोग करता है।

इसलिए, केवल लिखित परीक्षाओं के आधार पर आंकलन करना न केवल सीमित दृष्टिकोण है, बल्कि यह कई बार बच्चों में डर, तनाव और आत्म-संशय की भावना को जन्म देता है। इसके विपरीत, सतत और व्यापक मूल्यांकन यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे का हर पक्ष – चाहे वह सामाजिक व्यवहार हो, जीवन कौशल हो, या भावनात्मक समझ – विकास के दायरे में शामिल हो।

CCLE के माध्यम से एक नई शैक्षिक क्रांति की ओर

शिक्षा अब केवल किताबी नहीं रह गई है। यह जीवन को समझने और जीने की कला बनती जा रही है। CCLE एक ऐसी ही सोच को बढ़ावा देता है, जहाँ स्कूल केवल जानकारी का केंद्र न होकर बच्चों के स्वरूप निर्माण का स्थल बनें।

यदि आप शिक्षक, अभिभावक, नीति-निर्माता या शिक्षा में रुचि रखने वाले हैं, तो यह मंच आपके लिए है। आइए हम मिलकर शिक्षा को एक संवेदनशील, सहभागी और सृजनशील प्रक्रिया बनाएं।

📘 और जानकारी के लिए हमें नियमित रूप से पढ़ें।
📝 अपनी राय, सुझाव या अनुभव हमारे साथ साझा करें – हम शिक्षा के इस संवाद में आपकी भागीदारी का स्वागत करते हैं।

🎓 CCLE: एक नई सोच, एक नई शिक्षा दिशा

🔍 क्या है CCLE?

CCLE (Continuous and Comprehensive Learning & Evaluation) एक शैक्षिक दृष्टिकोण है जो बच्चों के समग्र विकास, समावेशी शिक्षा, और मानवीय मूल्यों को केंद्र में रखता है।

📌 मुख्य विशेषताएँ:

  • बाल-केंद्रित और बाल-मित्र शिक्षा
  • जाति, धर्म, लिंग, भाषा से मुक्त समावेशी पाठ्यचर्या
  • रटंत प्रणाली से हटकर समझ आधारित मूल्यांकन
  • जीवन-कौशल, रचनात्मकता और तर्कशीलता का विकास

📚 हमारा उद्देश्य

🧠 बच्चों को डर और तनाव से मुक्त वातावरण में सीखने का अवसर देना
💬 शिक्षा को बच्चों के अनुभवों से जोड़ना
📝 मूल्यांकन को केवल अंकों की बजाय समझ, संवाद और विश्लेषण की प्रक्रिया बनाना
👩‍🏫 शिक्षकों को सहयोगी और मार्गदर्शक की भूमिका में प्रोत्साहित करना

🧩 मूल्यांकन कैसे हो? – CCLE का दृष्टिकोण

✅ केवल लिखित परीक्षा नहीं, बल्कि सतत मूल्यांकन
✅ व्यक्तिगत भिन्नताओं को स्वीकारते हुए प्रगति का आकलन
✅ व्यवहार, अभिवृत्ति, जीवन-कौशल का समग्र मूल्यांकन
✅ बच्चे की सीखने की प्रक्रिया को समझने पर बल

🔦 CCLE क्यों ज़रूरी है?

🟢 NCF 2005 और RTE 2009 के उद्देश्यों के अनुरूप
🟢 बच्चों को केवल अकादमिक रूप से नहीं, बल्कि संवेदनशील नागरिक के रूप में तैयार करना
🟢 रचनात्मक सोच, समस्या समाधान और सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास
🟢 विद्यालय और समुदाय के बीच मजबूत जुड़ाव

📣 Call to Action – पाठकों से जुड़ाव के लिए सुझाव

शिक्षा के इस नवाचार का हिस्सा बनें!

यदि आप शिक्षक, अभिभावक, छात्र या शिक्षा में रुचि रखने वाले हैं – CCLE आपके लिए है।

हमारे बारे में जानें संपर्क करें

🖋️ निष्कर्षत:

CCLE केवल एक शैक्षिक पद्धति नहीं है, यह एक आंदोलन है – जहाँ हर बच्चा, हर शिक्षक और हर पाठक इस बात को स्वीकार करता है कि शिक्षा केवल किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।

📩 आपकी राय हमारे लिए ज़रूरी है!
कृपया अपने सुझाव और अनुभव हमें यहाँ भेजें।

School Morning Prayer :

स्कूलों में प्रतिदिन के कार्यों की शुरुवात प्रातःकालीन प्रार्थना सभा से होती है। प्रतिदिन अलग अलग बच्चों की सहभागिता की अपेक्षा की जाती है। इस हेतु मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने CCLE के अंतर्गत विशेष प्रकार की गतिविधियों की भी सिफारिश की है। इन सभी विशेष गतिविधियों के लिए निचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।

सर्वप्रथम सावधान की मुद्रा में राष्ट्रगीत अथवा राष्ट्रगान का गायन आवश्यक है ।

मध्यप्रदेश गान आवश्यक नहीं है

सरस्वती वंदना के अनेक स्वरूप उपलब्ध हैं

ग्रेगोरियन एवं भारतीय कलेंडर के अनुरूप तथा विशेष दिवसों का उल्लेख किया जाता है

प्रसिद्ध महापुरुषों एवं अन्य के द्वारा प्रेरणादायी कोटशन 

प्रतिदिन के महत्त्वपूर्ण समाचारों का वाचन से छात्रों को अपडेट करना 

लघु नाटक, संगीत एवं अन्य कला का प्रदर्शन 

स्कूल के बच्चों का जन्मदिन अभिनंदन भी किया जाए

आवश्यकतानुसार योग एवं ध्यान भी करवाया जा सकता है 

Saraswati Vandana

शिक्षा एक महत्तवपूर्ण क्षेत्र है जो न केवल हमारे जीवन को संवारता है बल्कि हमारे समाज को भी एक नई दिशा देता है। “ccle in education” का अर्थ है “Comprehensive and Continous Learning and evaluation” जो छात्रों और शिक्षकों के लिए एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे मिलकर नई सोच और रचनात्मकता के माध्यम से शिक्षा को एक नए आयाम पर ले जा सकते हैं।

छात्रों के लिए, “ccle” का मतलब है कि वे एक सहयोगी वातावरण में सीख सकते हैं जहां वे अपने विचारों और विचारधाराओं को खुलेआम साझा कर सकते हैं। यह तरीका न केवल उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाता है बल्कि उनकी सोचने-समझने की क्षमता को भी बढ़ाता है। “ccle” एक ऐसा मंच है जो छात्रों को रचनात्मकता की ओर प्रेरित करता है, जहां वे न केवल पाठ्यक्रम के अनुसार सीखते हैं बल्कि अपने ज्ञान को नया आयाम देने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

शिक्षकों के लिए, “ccle” एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है जहां वे पारंपरिक शिक्षण विधियों से हटकर एक नई और रचनात्मक शिक्षण विधि को अपना सकते हैं। शिक्षकों को इस वातावरण में छात्रों के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिलता है, जहां वे न केवल उन्हें शिक्षित करते हैं बल्कि उनसे भी सीखते हैं। “ccle” शिक्षकों को उनकी शिक्षण विधियों को नए और रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर देता है, जिससे छात्र और अधिक प्रेरित होते हैं और शिक्षा के प्रति उनका दृष्टिकोण बदलता है।

“ccle” का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जहां शिक्षा न केवल किताबों तक सीमित रहती है बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच एक द्विपक्षीय संवाद के माध्यम से एक नई सोच और रचनात्मकता की दिशा में अग्रसर होती है। यह न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाता है बल्कि छात्रों और शिक्षकों दोनों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

इस प्रकार, “ccle in education” एक ऐसा विचार है जो हमें शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशाएं खोजने और हमारे छात्रों और शिक्षकों को अधिक रचनात्मक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करता है। आइए, हम सभी मिलकर इस विचार को अपनाएं और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया और उज्जवल भविष्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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