21st Century Skills Activity Evaluation : 21वीं सदी के कौशलों पर आधारित गतिविधियों का मूल्यांकन

21st Century Skills Activity Evaluation :

कक्षा हेतु वर्गवार मूल्यांकन रजिस्टर

विद्यार्थी और उनके अंक दर्ज करें

कक्षा हेतु वर्गवार मूल्यांकन रजिस्टर

विद्यालय का नाम -

कक्षा - वर्ग -

माह -

क्रमांक विद्यार्थी का नाम साप्ताहिक गतिविधि कुल अंक
प्रथम शनिवार
निबंध लेखन (20 अंक)
द्वितीय शनिवार
वाद-विवाद (20 अंक)
तृतीय शनिवार
प्रश्नोत्तरी (15 अंक)
चतुर्थ शनिवार
लोकनृत्य (15 अंक)

सदन के सभी विद्यार्थियों के कुल अंक: 0

विद्यार्थियों के कुल अंक: 0

सदन का मासिक औसत: 0

विद्यार्थियों की कुल संख्या: 0

सर्वश्रेष्ठ 2 विद्यार्थी: -

21वीं शताब्दी के कौशलों पर आधारित गतिविधियों का मूल्यांकन

21वीं शताब्दी के कौशलों पर आधारित गतिविधियां शिक्षण – शास्त्र का एक तरीका है, जहां कला का उपयोग अनुभवात्मक अधिगम के साधन के रूप में किया जाता है जिसमें विद्यार्थी अवलोकन, कल्पना, अन्वेषण, प्रयोग, सृजन और ज्ञान के अनुप्रयोग के विभिन्न चरणों से गुजरता है ।

सीसीएलई कार्यक्रम के मूल्यांकन करने में पारंपरिक पेपर-पेंसिल या मौखिक और याद करके सुनाने वाली पद्धति से परे एक सतत और समग्र मूल्यांकन प्रणाली के जरिये विद्यार्थी के विषय संबंधी समझ के साथ-साथ सामाजिक-भावनात्मक विकास को समझने में भी मदद करती है । इसलिए यह दक्षता-आधारित शिक्षा और कौशल आधारित शिक्षा का आकलन करने के लिए एक प्रभावी उपकरण बन जाता है ।

21वीं शताब्दी के कौशलों आधारित गतिविधियों के मूल्यांकन करने के लिए, अध्यापक को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

पूर्वधारणा से मुक्त (नॉन जजमेंटल): अध्यापक को अपने पूर्वाग्रहों को प्रतिबिंबित नहीं करना चाहिए या विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान उसकी ऐसी अवधारणा दिखाई भी नहीं देनी चाहिए ।

तुलना रहित: अध्यापक को छात्रों का आँकलन योग्यता के आधार पर करना ।

गैर-प्रतियोगी: सीसीएलई आधारित मूल्यांकन एक आनंदमयी गतिविधि होनी चाहिए, जहां हर बच्चे को एक-दूसर के साथ प्रतिस्पर्धा किए बिना भाग लेने और उसे स्वीकार करने का समान अवसर मिलता है ।

सीसीएलई आधारित आकलन एक निरंतर चलने वाली (ऑन गोइंग) प्रक्रिया है जो सीखने के स्पष्ट पहचान के परिणामों के साथ शुरू होती है और शिक्षण और अधिगम की प्रक्रिया में कई बिन्दुओ पर हो सकती है ।

भय-मुक्तः सीसीएलई कार्यक्रम पर आधारित मूल्यांकन एक भय मुक्त गतिविधि है, जहां बच्चे बिना किसी भय के, असफलता के डर से और उनके बारे में क्या सोचा जा रहा है इस भावना से मुक्त हो कर अपना प्रदर्शन करते हैं। सीसीएलई आधारित मूल्यांकन में अध्यापक मूल्यांकन के विभिन्न पद्धतियों और तकनीकों का प्रयोग कर सकते हैं । सीसीएलई आधारित मूल्यांकन एक अनोखा मंच है, जहाँ व्यक्तिगत और समूह प्रदर्शन दोनों का आँकलन योग्यता- आधारित शिक्षण परिणामों के लिए किया जा सकता है ।

अध्यापक विद्यार्थी के मौखिक और गैर-मौखिक दोनों भावों का आँकलन कर सकते हैं। मौखिक अभिव्यक्ति मुख्य रूप से मौखिक संचार का एक तरीका है जैसे भाषण, प्रस्तुति और घोषणाओ के साथ-साथ दोस्तों के बीच बातचीत आदि । गैर-मौखिक अभिव्यक्तियाँ दृश्य संकेत हैं, जिनमें हाव-भाव, चेहरे के भाव, शरीर की लयात्मक गति, स्पर्श और बिना बोले संवाद करने का कोई अन्य तरीका शामिल है ।

सीसीएलई कार्यक्रम में मूल्यांकन सुविधाकर्ता को छात्र के सामाजिक भावनात्मक और जीवन कौशल विकास का आँकलन करने की अनुमति देता है। ये कौशल, रचनात्मक-सोच, आलोचनात्मक सोच, सहानुभूति, तनाव का सामना करना, भावनाओ पर नियंत्रण, अंतरवैयक्तिक संबंध, प्रभावी संचार कौशल, निर्णय लेने का कौशल, आत्म-जागरूकता और समस्या-समाधान हैं ।

मूल्यांकन के लिए करने / ना करने के लिए बातें:

क्या करें-

  1. हर विद्यार्थी की प्रशंसा करें और उसके प्रयासों को पहचानें ।
  2. प्रक्रिया का आकलन करें, उत्पाद का नहीं ।
  3. रचनात्मक प्रतिक्रिया दें ।
  4. गुणात्मक और उत्साहजनक टिप्पणी करें ।
  5. विशेष आवश्यकता वाले सभी छात्रों को समान अवसर दें
  6. सीखनेवाले की गति का सम्मान करें और योजना बना कर की जा रही गतिविधि के समय को लेकर लचीला रहें, जो छात्र अभी भी कार्य समाप्ति की ओर हैं, उन्हें अवसर प्रदान करें ।
  7. खुले-उत्तर (ओपन एंड) वाले प्रश्न पूछें जो उन्हें लिखने/बात करने/ड्राइंग/योजना बनाने की जगह दे सके ।
  8. हर बच्चे के मूल आर्टवर्क (बिना सुधारे हुए को) प्रदर्शित करें (भले ही काम अधूरा हो) । शिक्षक-शिक्षण प्रक्रिया के दौरान कक्षा में प्रदर्शित चीजों का संदर्भ की तरह प्रयोग करें विद्यार्थी के पूर्व कार्य से ही उसकी प्रगति की तुलना करें ।

क्या ना करें

  1. कलात्मकता की गुणवत्ता पर टिप्पणी न करें ।
  2. छात्रों की कलाकृति की एक-दूसरे से तुलना न करें ।
  3. पूर्व निर्धारित धारणाओ के साथ कक्षा में ना जाएँ ।

मूल्यांकन पद्धति

21 सदी आधारित सीसीएलई स्कूल शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत विद्यार्थी, सीसीएलई गतिविधियों में एक शिक्षण सत्र यानि कुल 7 माह में जितने अंक प्राप्त करेगा, उन प्राप्त कुल अंकों का 20 प्रतिशत, वर्ष के अंत में उसके अंतिम परीक्षाफल में जोड़ा जायेगा । इस प्रणाली के अंतर्गत वार्षिक अंकों की गणना इस प्रकार होगी –

त्रैमासिक परीक्षा में प्राप्त कुल अंकों से 5 प्रतिशत,
अर्धवार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों से 5 प्रतिशत,
वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों से 70 प्रतिशत और
सीसीएलई गतिविधियों में प्राप्त कुल अंकों से 20 प्रतिशत अंक ।
इन सभी अंकों का कुल योग विद्यार्थी का अंतिम परीक्षाफल होगा ।
•त्रैमासिक परीक्षा (500 अंक) – 5%
•अर्धवार्षिक परीक्षा (500 अंक) – 5%
वार्षिक परीक्षा (500 अंक) – 70%
सीसीएलई (500 अंक) – 20%

सीसीएलई के 500 अंकों का वर्गीकरण- सीसीएलई के तहत
लेखन की प्रत्येक साप्ताहिक गतिविधि के लिए 20 अंक
वक्तृत्व गतिविधि के लिए 20 अंक
प्रश्नोत्तरी गतिविधि के लिए 15 अंक
दृश्य व प्रदर्शन कला गतिविधि के लिए 15 अंक निर्धारित किये गए हैं ।
विद्यार्थी की वार्षिक उपस्थिति के लिए 10 अंक दिए जायेंगे ।

इस तरह सीसीएलई गतिविधि के कुल वार्षिक अंकों का वर्गीकरण इस प्रकार होगा –
लेखन : 20 अंक x 1 सप्ताह x 7 माह = 140 अंक
वक्तृत्व: 20 अंक x 1 सप्ताह x 7 माह = 140 3ich
प्रश्नोत्तरी: 15 अंक x 1 सप्ताह x 7 माह = 105 अंक
दृश्य व प्रदर्शन कला : 15 अंक x 1 सप्ताह x 7 माह = 105 अंक
वार्षिक उपस्थिति : = 10 अंक
सीसीएलई गतिविधि कुल योग : = 500 अंक

सप्ताहवार गतिविधियों में अंकों का वर्गीकरण
A. लेखन गतिविधियाँ
A. 1 निबंध – 20 अंक

विषयवस्तुः 10 अंक
भाषा, शैली, व्याकरण : 4 अंक
क्रमबद्धता: 2 अंक
प्रस्तावना एवं उपसंहार: 4 अंक
A. 2 समाचार पत्र लेखन – 20 अंक
मुखपृष्ठ एवं शीर्षक में रचनात्मकता : 5 अंक
अखबार की विषयवस्तु (खबरों का संकलन एवं लेखन) : 5 अंक
समूह कार्य एवम परस्पर सहयोग : 5 अंक
प्रमाणिकता एवं विश्वसनीयता : 5 अंक
A.3 कहानी/कविता/नाट्य लेखन – 20 अंक
विषयवस्तु : 5 अंक
रचनात्मकता/मौलिक विचार : 5 अंक
समग्र प्रभाव: 5 अंक
भाषा, शैली, व्याकरण : 5 अंक
A.4 प्रोजेक्ट परिकल्पना लेखन – 20 अंक
समस्या के विषय में समझ एवम कारणों की पहचान : 5 अंक
प्रस्तावित समाधान में रचनात्मकता एवम नवाचार – 5
समूह कार्य एवम परस्पर सहयोग – 5 अंक
दस्तावेजीकरण एवं प्रस्तुतिकरण – 5 अंक
A.5 स्व विवरण (रिज्यूमे) लेखन – 20 अंक
स्पष्टलक्ष्य (कैरियर विकल्प) : 5 अंक
कौशल एवम दक्षताएं : 5 अंक
उपलब्धियां एवं रुचि के क्षेत्र : 5 अंक
सुधार के क्षेत्र : 5 अंक
B. 1 भाषण – 20 अंक
विषयवस्तु : 5 अंक
भाषा शैली : 5 अंक
प्रस्तुतिकरण : 5 अंक
समग्र प्रभाव: 5 अंक
B.2 वाद विवाद (डिबेट ) – 20 अंक
विषयवस्तु : 5 अंक
भाषा शैली : 5 अंक
प्रभावी प्रस्तुतिकरण: 5 अंक
B. तथ्यात्मक एवम आंकड़ों पर आधारित तर्क वितर्क : 5 अंक
B. 3 कहानी वाचन – 20 अंक

कहानी की विषयवस्तु : 5 अंक
भाषा शैली : 5 अंक
प्रस्तुतिकरण : 5 अंक
समग्र प्रभार : 5 अंक
B.4 पेपर/ पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन – 20 अंक
प्रेजेंटेशन की विषयवस्तु : 5 अंक
आत्मविश्वास : 5 अंक
समूह प्रस्तुतिकरण : 5 अंक
श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर : 5 अंक
B.5 सस्वर कविता वाचन – 20 अंक
कविता का चयन एवं स्मृति : 5 अंक
भाषा शैली एवं उच्चारण : 5 अंक
लयात्मक प्रस्तुतिकरण : 5 अंक
समग्र प्रभार : 5 अंक
C. प्रश्नमंच – 15 अंक
चूंकि यह एक प्रश्न गतिविधि है इसलिए प्रत्येक राउंड में प्रश्नों के अनुसार सही उत्तर देने के लिए प्रत्येक गतिविधि हेतु 15 अंक निर्धारित हैं.
D.दृश्य कला एवं प्रदर्शन कला :
D.1 दृश्य कला (ड्राइंग / पेंटिंग / आर्ट / क्राफ्ट) – 15 अंक

रचनात्मकता (रंगो एवं सामग्री का उपयोग) : 5 अंक
स्वयं के विचारों की अभिव्यक्ति: 5 अंक
प्रस्तुतिकरण (सुंदरता एवम रंगों का संयोजन) : 5 अंक
D.2 प्रदर्शन कला (नाटक/नृत्य/संगीत प्रस्तुतिकरण) – 15 अंक
कथानक/चरित्र चित्रण : 5 अंक
आत्मविश्वास एवम प्रस्तुतिकरण : 5 अंक
समग्र प्रभाव: 5 अंक

मूल्यांकन हेतु महत्वपूर्ण बिंदु

  1. बालसभा में प्रति शनिवार वर्षभर की उपस्थिति के लिए 10 अंक निर्धारित किए गए हैं ।
  2. उपरोक्तानुसार कुल 500 अंकों में से अंक प्रदान किये जायेंगे ।
  3. समूह गतिविधियों में सदन/हाउस के सभी छात्रों की सहभागिता को भी ध्यान में रखा जाएगा। किन्हीं एकल प्रस्तुतियों के आधार पर सदन/हाउस को अंक नहीं दिए जायेंगे ।
  4. इसी प्रकार पूरी शाला की कक्षाओं के योगफल से जोड़कर प्रत्येक हाउस का पूरी शाला का कुल योगफल माहवार परिणाम प्राप्त होगा ।
  5. प्रत्येक माह कोई न कोई सदन / हाउस विजेता होगा जिसकी घोषणा अगले माह प्रार्थना सदन / हाउस में की जाए । वर्ष के अंत में विभिन्न सदन/हाउसों को उनके अंकों के आधार पर प्रथम से चतुर्थ स्थान दिया जाए ।
  6. विभिन्न सदन/हाउसों के 10 प्रतिशत विद्यार्थी, जिन्हें शाला में अधिकतम अंक प्राप्त हुए हो, उन्हें वार्षिकोत्सव में प्रमाण पत्र दिया जाएगा । शाला विकास निधि की उपलब्धता के अनुसार पुरस्कार भी दिया जा सकता है ।
  7. जिस हाउस को अधिकतम अंक प्राप्त होंगे, उन्हें रनिंग शील्ड / ट्राफी दी जाए। रनिंग शील्ड उस सदन / हाउस के सदन/हाउस प्रभारी शिक्षक व शाला के हाउस कैप्टन द्वारा प्राप्त की जावेगी ।
  8. प्रत्येक छात्र से बालसभा गतिविधियों हेतु छात्र-पुस्तिका बनवाएं जिसमें माह की गतिविधियों (उदाहरणार्थ निबंध/ आशु भाषण आदि) का वर्णन, अंक आदि का समावेश एवं आगामी शनिवार की गतिविधि की जानकारी अंकित हो । प्राचार्य सभी गतिविधियों की मानिटरिंग करेंगे एवं अधीनस्थ समस्त शिक्षकों को विषय एवं योग्यतानुसार, समानता से चार सदन/हाउसों में विभाजित कर गतिविधियों का सफल संचालन करायेंगे । यह शिक्षक समय समय पर अपने सदन/हाउस में छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे ।

दस्तावेज़ीकरण

21 वीं सदी आधारित सीसीएलई के अंतर्गत दस्तावेज़ीकरण भी उतना ही आवश्यक है जितना की मूल्यांकन । दस्तावेज़ीकरण के लिए निर्धारित प्रपत्र में आपको मूल्यांकन का दस्तावेज़ीकरण करना है । इसके अलावा जिन बातों का ध्यान रखना है वे हैं –

  1. प्लानिंग / मीटिंग रजिस्टर मेंटेन करना
  2. उपस्थिति रजिस्टर मेंटेन करना
  3. सदनवार कक्षा एवं विद्यालय का परिणाम तैयार करना
  4. मूल्यांकन प्रपत्र भरना
  5. छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गए आर्टवर्क की फाइलिंग करना
  6. आवश्यकतानुसार फोटो/वीडियोज लेना एवं शेयर करना
  7. आर्टवर्क हेतु प्रदर्शनी आयोजित करना

मूल्यांकन हेतु प्रपत्र

पुस्तिका के इस खंड में हम CCLE गतिविधियों के अंक संधारण की प्रक्रिया एवं प्रपत्रों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। CCLE गतिविधियों हेतु प्रत्येक विद्यार्थी के लिए कुल 500 अंक निर्धारित हैं, जिनकी गणना निम्नानुसार की जाएगी:

CCLE गतिविधियों हेतु वार्षिक अंक गणना

साप्ताहिक गतिविधिअंकशैक्षणिक वर्ष में कुल सप्ताहशैक्षणिक वर्ष में कुल अंक
प्रथम शनिवार (लेखन कौशल)207140
द्वितीय शनिवार (वक्तव्य कौशल)207140
तृतीय शनिवार (प्रश्नोत्तरी कौशल)157105
चतुर्थ शनिवार (दृश्य एवं प्रदर्शन कला)157105
कुल वार्षिक उपस्थिति हेतु अंक1010
CCLE गतिविधियों के कुल अंक (वार्षिक)500

जैसा कि सदन निर्माण के अध्याय में उल्लेखित है, CCLE गतिविधियाँ कक्षा एवं वर्गवार आयोजित की जानी हैं। अतः इसके अनुपालन हेतु प्रत्येक वर्ग का अपना एक मूल्यांकन प्रपत्र है, जिसमें सदनवार विद्यार्थी के अंक भरे जाएंगे। CCLE गतिविधियों के अंक संधारण की क्रमबद्ध प्रक्रिया निम्नानुसार है:

  1. वर्ग हेतु अंक संधारण:
    प्रत्येक वर्ग में सदन विभाजन के अनुसार विद्यार्थियों के साप्ताहिक गतिविधियों में प्रदर्शन के अनुसार अंकों का संधारण किया जाएगा।
  2. कक्षा हेतु सदनवार परिणाम निर्माण:
    एक कक्षा (उदाहरणार्थ: नवमीं) के विभिन्न वर्गों (उदाहरणार्थ: नवमीं-अ, नवमीं-ब, नवमीं-स) के सदनवार अंकों के औसत का योग करके कक्षा हेतु पृथक परिणाम का संधारण किया जाएगा।
  3. विद्यालय हेतु सदनवार परिणाम निर्माण:
    एक विद्यालय (उदाहरणार्थ: उत्कृष्ट विद्यालय उज्जैन) की विभिन्न कक्षाओं (उदाहरणार्थ: नवमीं एवं दसवीं) के सदनवार अंकों का योग करके विद्यालय हेतु पृथक परिणाम का संधारण किया जाएगा।

आइए, प्रत्येक चरण हेतु मूल्यांकन विधि में प्रपत्र के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं:

  1. वर्ग हेतु अंक संधारण:
    प्रत्येक वर्ग में सदन विभाजन के अनुसार विद्यार्थियों के साप्ताहिक गतिविधियों में प्रदर्शन के अनुसार अंकों का संधारण किया जाएगा। अंकों के संधारण हेतु निम्नांकित प्रपत्र का उपयोग किया जाना चाहिए:

(प्रपत्र का विवरण यहाँ जोड़ा जा सकता है, लेकिन जानकारी अधूरी होने के कारण इसे छोड़ा गया है।)

कक्षा हेतु वर्गवार मूल्यांकन रजिस्टर

विद्यालय का नाम – उत्कृष्ट विद्यालय उज्जैन

कक्षा – नवमी | वर्ग – ब

माह – जुलाई (सबल भारत)

क्रमांकविद्यार्थी का नामसाप्ताहिक गतिविधिकुल अंक
प्रथम शनिवार
निबंध लेखन (20 अंक)
द्वितीय शनिवार
वाद-विवाद (20 अंक)
तृतीय शनिवार
प्रश्नोत्तरी (15 अंक)
चतुर्थ शनिवार
लोकनृत्य (15 अंक)
1आकाश1314121453
2शुभम1517121458
3स्नेहलअनुपस्थित (0)16121442
4सलोनी1213121451
5पिंकी1818121462
6विनय1919121464
7लवकुश202012अनुपस्थित (0)52
8अक्षयअनुपस्थित (0)19121445
9शिवांगी1513121454
10विद्योत्मा1315अनुपस्थित (0)1442
11आमिर1817121461
12दिनेश1911121456
13नूतन1118121455
14शालू16अनुपस्थित (0)121442
15महिमा1715121458

सदन के सभी विद्यार्थियों के कुल अंक: 795

विद्यार्थियों के कुल अंक: 795

सदन का मासिक औसत: 53

विद्यार्थियों की कुल संख्या: 15

विशेष नोट:

  1. यदि कोई विद्यार्थी व्यक्तिगत गतिविधि में अनुपस्थित होता है, तो उस सप्ताह की गतिविधि में उसे शून्य अंक प्रदान किए जाएंगे। (उदाहरणार्थ: तालिका में स्नेहल के प्रथम सप्ताह में अर्जित अंकों का अवलोकन करें।)
  2. सामूहिक/सदनवार गतिविधियों में सदन के प्रत्येक विद्यार्थी को एक समान अंक प्रदान किए जाएंगे। अर्थात, यदि किसी सामूहिक गतिविधि में सदन को 15 में से 12 अंक मिले हैं, तो उस दिन उपस्थित सदन के प्रत्येक विद्यार्थी को 12-12 अंक प्रदान किए जाकर पंजी में अंकित किए जाएंगे। अनुपस्थित विद्यार्थी को शून्य अंक प्रदान किया जाएगा। सामूहिक/सदनवार गतिविधियों में यदि कोई विद्यार्थी अनुपस्थित होता है, तो उसे उस सप्ताह की गतिविधि में शून्य अंक प्रदान किए जाएंगे, क्योंकि सदनवार अर्जित अंकों में अनुपस्थित विद्यार्थी की कोई सहभागिता नहीं होती। (उदाहरणार्थ: तालिका में विद्योत्मा के तृतीय सप्ताह और लवकुश के चतुर्थ सप्ताह में अर्जित अंकों का अवलोकन करें।)
  3. प्रत्येक माह के अंत में विद्यार्थियों द्वारा अर्जित अंकों का कुल योग कर सदन के सर्वश्रेष्ठ 2 विद्यार्थियों को चिन्हांकित किया जाएगा और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। (उदाहरणार्थ: तालिका में जुलाई माह के सर्वश्रेष्ठ दो विद्यार्थी क्रमशः विनय और पिंकी हैं।)
  4. वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित अंकों के कुल योग को विद्यार्थियों की कुल संख्या से विभाजित कर माहवार सदन के औसत अंकों की गणना सुनिश्चित करें, जिसका उपयोग कक्षावार परिणाम तैयार करने में किया जाएगा। (उदाहरणार्थ: तालिका में विद्यार्थियों द्वारा अर्जित अंकों का कुल योग 795 है और विद्यार्थियों की कुल संख्या 15 है।)
  5. औसत निकालने हेतु अर्जित अंकों के कुल योग (795) को विद्यार्थियों की कुल संख्या (15) से भाग देने पर जो संख्या प्राप्त होती है (53), वही माहवार सदन का औसत कहलाएगी। अर्थात, तालिका के अनुसार कक्षा नवमी-ब के जुलाई माह का माहवार सदन का औसत 53 है।

नोट: अंत में दिया गया “82” संभवतः एक त्रुटि है और संदर्भ के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे शामिल नहीं किया गया है।

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