विश्व के इतिहास में अनेक परिवर्तन ऐसे आए हैं जिसमें किसी व्यक्ति विशेष के भाषण से पूरे राष्ट्र, विश्व की स्थिति ही बदल गई । जैसे अमेरिकन नीग्रो की मुक्ति के लिए “मार्टिन लूथर किंग” का भाषण “आई ड्रीम”, पंडित जवाहरलाल नेहरू का 14, 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि का भाषण “ट्रस्ट विद डेस्टिनी” ।
इसलिए भाषण एक ऐसी विधा है जिससे शिक्षार्थियों में स्वाभाविक त्वरित और प्रभावी ढंग से बोलने एवं समझने की क्षमता का विकास होता है । भाषण कला को बाल सभा के दूसरे शनिवार की गतिविधि में शामिल किया गया है । इस वजह से शिक्षार्थी में मौलिक रूप से सोचने, विषय को भली-भांति समझने और उसे प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की क्षमता विकसित होती है । 1893 में विश्व पटल पर भारत की पहचान पुनर्जीवित करने वाले स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक भाषण हो या पंडित जवाहरलाल नेहरू का 15 अगस्त को संसद में दिया गया भाषण । प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी जैसे कालजयी वक्ता का संयुक्त राष्ट्र में दिया गया भाषण कौन भूल सकता है , यह सभी वक्तृत्व कौशल के ऐसे उदाहरण हैं जिनकी पूरे विश्व में प्रशंसा की जाती है ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ कौशल से जोड़ना पहली प्राथमिकता है । 21वीं शताब्दी में सफल होने के लिए विद्यार्थी में 4 C’s अर्थात Creativity, Critical Thinking, Communication और collaboration जैसे कौशल आवश्यक है । बेहतर संवाद के लिए पब्लिक स्पीकिंग, इन्हीं तत्वों में से एक है जो विद्यार्थी में नेतृत्व क्षमता का आत्मविश्वास जगाती है, साथ ही वैचारिक अभिव्यक्ति का गुण विकसित करती है । विद्यार्थियों में वकत्रत्व कौशल का यही गुण विकसित करने के के लिए CCLE के तहत माह के दूसरे शनिवार इस उद्देश्य से संबंधित गतिविधि का आयोजन किया जाता है ।
![भाषण](https://ccle.co.in/wp-content/uploads/2023/09/image-6.png)
वकत्रत्व कौशल के तहत की जाने वाली गतिविधियां :
आशु भाषण:
विद्यार्थी आशु भाषण उसी विषय प्रस्तुत करते हैं जो उन्हें दो गुरुवार पहले निबंध के लिए दिया गया था अर्थात माह के पहले गुरुवार को इस प्रकार विद्यार्थियों को आशुभाषण की तैयारी के लिए लगभग 9 दिवस का समय मिल जाता है । विद्यार्थी पूर्व में निबंध के लिए उस विषय को तैयार कर ही चुका होता है अब बारी होती है उसी विषय को जो दो-तीन पेज का है अब इतना संक्षिप्त कर बोलना कि वह दो-तीन मिनट में पूरा हो जाए । यह विद्यार्थियों में किसी विषय को सारगर्भित परंतु संक्षिप्त रूप से प्रकट करने की योग्यता को विकसित करता है । विद्यार्थी अपने घर, लाइब्रेरी में या अन्य साधनों से विषय की तैयारी कर बाल सभा में प्रस्तुति करते हैं । आशु भाषण के लिए न्यूनतम 2 से 5 मिनट का समय निर्धारित होता है । छात्र संख्या के अनुसार अधिकतम समय निर्धारित किया जा सकता है । विद्यार्थी की मौलिकता, विचार व्यक्त करने की कला, निर्भीकता, विषय पर अधिकार और निर्धारित समय तक बोलने पर, अंको का निर्धारण किया जाता है । विद्यार्थियों की व्यक्तिगत रूप से प्राप्त अंक उनके सदन को भी मिलते हैं और वर्ष के अंत में इस प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट भाषण के लिए व्यक्तिगत एवं सदन दोनों को पुरस्कृत किया जाता है । इस व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के लिए 20 अंक निर्धारित हैं, जिसमें प्रस्तुति और भाषा शैली के लिए चार-चार अंक, विषय वस्तु के लिए 10 अंक और समग्र प्रभाव के लिए 2 अंक दिए जाते हैं । आशु भाषण से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास पैदा होता है और उनमें नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं । विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में साक्षात्कार के प्रथक से अंक रहते हैं, जिससे विद्यार्थी के त्वरित ज्ञान और उसकी वाक क्षमता का परीक्षण हो सके । अशुभाषण की विधा विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ-साथ आत्मविश्वास का भाव भी पैदा करती है ।
तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण :
व्यक्ति की झिझक, उसके आत्मविश्वास को कमजोर कर सकती है । हमारे विद्यार्थी भी अक्सर झिझक की वजह ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो पाते, जहां वह अपने विचारों को नया आयाम दे सकें । इस समस्या से निदान दिलाने के लिए तात्कालिक भाषण कि यह गतिविधि बहुत उपयोगी है । इस गतिविधि में विद्यार्थी को उस माह की थीम के अनुसार एक विषय दिया जाता है, जिस पर विद्यार्थी को त्वरित भाषण देना होता है । यह गतिविधि चित्र के माध्यम से भी कराई जाती है, जहां विद्यार्थी को चित्र को देखकर उससे संबंधित तात्कालिक भाषण देना होता है । इस पूरी गतिविधि के दौरान हम देखेंगे कि विद्यार्थी चिंतनशील विचारधारा, कल्पना शक्ति का प्रयोग, विचारों की तारतम्यता एवं भाषा पर पकड़ बनाना आदि सीख रहा होगा । साथ ही साथ वह इस तरह की गतिविधि से अपने विचारों को रचनात्मक रूप से अभिव्यक्त करने की कला भी सीखेगा ।
कहानी वाचन / Story Telling :
विद्यार्थियों में कहानी के प्रस्तुतीकरण का गुण विकसित करने के लिए सीसीएलई की गतिविधि “मैं हूं कहानीकार” को शामिल किया गया है । इस गतिविधि के अंतर्गत विद्यार्थी अपने आसपास से एकत्रित कर या स्वयं की कल्पना से कहानियों को तैयार कर शिक्षकों के मार्गदर्शन में उनका भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण करते हैं। इन कहानियों के विषय वे स्वयं चुन सकते हैं, जैसे कि मेरा सबसे अच्छा दिन, सबसे प्यारा तोहफा, मेरा जन्मदिन या अपनी किसी यात्रा की कहानी आदि या फिर विद्यार्थी शिक्षकों के मार्गदर्शन में प्रचलित कहानियों जैसे नमक का दरोगा, ईदगाह, पंचतंत्र आदि का भावपूर्ण वचन भी कर सकते हैं । यह गतिविधि विद्यार्थियों को उनकी कल्पनाशीलता को बढ़ाने और कहानी प्रस्तुतीकरण में उन्हें समझाने में मदद करेगी ।
वाद विवाद :
हमारे देश में तर्क वितर्क और शास्त्रार्थ करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है । वाद विवाद का उद्देश्य किसी विषय के विभिन्न पक्षों पर विस्तृत चर्चा कर तर्क के साथ, विषय को, श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत करना है । मगर वर्तमान समय में अब अक्सर देखने में आ रहा है कि लोग दूसरों के सामने सिर्फ अपनी बातों को ही प्राथमिकता देते हैं । अपनी बात पर तर्क वितर्क पसंद नहीं करते जबकि किसी भी विषय पर एक स्वस्थ तार्किक वाद विवाद उस विषय की समझ को और भी गहरा बनाता है । उसके सभी पहलुओं को समझने में सहायता करता है ।
सीसीएलई की इस गतिविधि से विद्यार्थी में किसी विषय पर विस्तृत अध्ययन कर उस पर अपना विचार बनाना तथा उसको दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करने की कला विकसित होती है । यदि हम स्कूल स्तर पर प्रारंभ से विद्यार्थियों को तर्क वितर्क के सही तरीकों का अभ्यास कराते हैं तो उनकी रचनात्मक सोच में वृद्धि होती है, संवेदनशीलता आती है, साथ ही वह सहिष्णुता के साथ दूसरों के विचारों को सुनना और आत्मसात करना भी सीखते हैं । इस गतिविधि के दौरान विद्यार्थी दिए गए विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं । तर्क वितर्क करते हैं । विषय के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की समझ विकसित करते हैं । एक शिक्षक के रूप में हमें वाद विवाद की इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थी की तार्किक क्षमता का विकास करना है । उसे यह भी सिखाना है कि वह न सिर्फ अपनी बात कहें बल्कि अन्य पक्षों को भी स्वस्थ तरीके से सुनना समझना सीखें । निरर्थक शब्दों की बजाय तथ्यों और तर्कों पर बात करने की समझ विकसित करें ।
सस्वर कविता वाचन :
भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे सुंदर माध्यम है कविता । अच्छे वक्ता अधिकांशतः अपने वक्तव्य के दौरान कविताओं का प्रभावी प्रयोग करते हैं, जिससे वे आसानी से अपनी भावनाओं को श्रोताओं तक पहुंचा देते हैं । सीसीएलई की इस गतिविधि के तहत विद्यार्थी से प्रसिद्ध कविताओं का सस्वर वाचन कराया जाएगा, उन्हें भाषाई उतार-चढ़ाव सिखाने के लिए प्रभावशाली कविता पाठ के वीडियो भी दिखाई जा सकते हैं और फिर उसी कविता का पाठ उनसे करवाया जा सकता है । इस गतिविधि से विद्यार्थी शब्दों की ध्वनि प्रभाव समझते हैं, प्रभावशाली अभिव्यक्ति सीखते हैं और अपना शब्द भंडार बढ़ाते हुए संवेदना का गुण विकसित करते हैं ।
डिजिटल प्रेज़न्टैशन / पेपर प्रेज़न्टैशन :
कहा जाता है 21वीं शताब्दी डिजिटल शताब्दी है । आज के दौर में डिजिटल लर्निंग के महत्व से हम सभी परिचित हैं । आज डिजिटल प्रेजेंटेशन से हम अपने विचारों को दुनिया भर में कहीं भी वर्चुअली प्रस्तुत करते हैं । यह कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटल प्रेजेंटेशन 21वीं सदी की वह कला है जो कारपोरेट बिजनेस में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । कोरोना काल में हम सब ने दुनिया भर में देखा कि कैसे दुनिया भर के ऑफिस, स्कूल, बाजार, कोर्ट कचहरी या यूं कहें कि जैसे पूरी दुनिया ही कंप्यूटर, मोबाइल पर सिमट गई थी लेकिन उस दौरान हमने यह भी देखा कि किस प्रकार दुनियाभर के लोग डिजिटल तकनीक की मदद से एक दूसरे से जुड़े रहे । इस गतिविधि के दौरान विद्यार्थियों को दिए गए टॉपिक पर प्रेजेंटेशन बनाने के लिए दिया जाएगा और एम एस एक्सेल और पावर पॉइंट जैसे सॉफ्टवेयर की मदद से डिजिटल प्रेजेंटेशन बनाना और उसका प्रस्तुतीकरण सिखाया जाता है । सुविधा के अभाव में शिक्षार्थियों को पेपर के माध्यम से प्रेजेंटेशन बनाना सिखाया जाता है ।
Conclusion
सीसीएलई गतिविधियों के तहत छात्रों के भाषण विकास के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित की जा सकती हैं। ये गतिविधियाँ छात्रों की भाषण क्षमता को सुधारने में मदद करती हैं और उनके विचारों को स्पष्टता से और प्रभावी तरीके से व्यक्त करने में मदद करती हैं।
भाषण प्रतियोगिताएँ: स्कूलों और कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें छात्र विभिन्न विषयों पर भाषण देते हैं। यह छात्रों को बोलने की कला को सीखने और सफलता प्राप्त करने का मौका प्रदान करता है।
निबंध लेखन और प्रस्तुतीकरण: छात्र विभिन्न विषयों पर निबंध लिखकर और उन्हें प्रस्तुत करके अपनी भाषण क्षमता को सुधारते हैं।
वाद-विवाद: छात्र विभिन्न विषयों पर वाद-विवाद करके विचारों का प्रस्तुत करते हैं और अपनी बोलने की कला को मजबूत करते हैं।
न्यूज़ पढ़ना और प्रस्तुत करना: छात्र अद्यतन समाचार को पढ़कर और उसे प्रस्तुत करके अपनी भाषण क्षमता को सुधारते हैं।
संवाद लेखन और प्रस्तुतीकरण: इसमें छात्र विविध विषयों पर संवाद लिखते हैं और उन्हें सुनाने के लिए प्रस्तुत करते हैं, जिससे वे वाद-विवाद कौशल को बढ़ाते हैं।
कहानी सुनाना और सुनना: इस गतिविधि के अंतर्गत, छात्रों को कहानियों को सुनाने और सुनने का मौका मिलता है। वे अपनी पसंदीदा कहानियों को सुनाते हैं और दूसरे छात्रों की कहानियों को सुनकर सीखते हैं। इस गतिविधि से छात्रों की सुनने और सुनाने की कौशल में सुधार होती है, जो उनकी भाषण क्षमता को मदद करता है।
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Origin of CCLE : CCLE की उत्पत्ति
Introduction of CCLE : CCLE परिचय
21st Century Skills : 21 वी सदी के कौशल
CCLE की मासिक थीम पर आधारित गतिविधि
CCLE अंतर्गत प्राचार्य और शिक्षकों की भूमिका और दायित्व
प्रथम सप्ताह : लेखन कौशल आधारित गतिविधियां
द्वितीय सप्ताह : भाषण आधारित गतिविधियां : Speech Based Activities
तृतीय सप्ताह : प्रश्नोत्तरी आधारित गतिविधियां : Quiz Based Activities
चतुर्थ सप्ताह : प्रदर्शन आधारित गतिविधियां : Presentation Based Activities
21 वी सदी कौशल आधारित गतिविधियों का मूल्यांकन : 21st Century Skills Evaluation
FAQs : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :
प्रश्न 1. CCLE में दूसरे सप्ताह की गतिविधि क्या है?
उत्तर : CCLE में दूसरे सप्ताह की गतिविधि भाषण पर आधारित है।
प्रश्न 2. भाषण पर आधारित गतिविधि क्या है, और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर : इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को भाषण कौशल में सुधार करने का है, जिससे उनमें स्वाभाविक त्वरिता और प्रभावी रूप से बोलने और समझने की क्षमता विकसित हो।
प्रश्न 3. भाषण गतिविधि कब और कैसे आयोजित की जाती है?
उत्तर : भाषण गतिविधि का आयोजन CCLE के दूसरे शनिवार को किया जाता है, जिसमें छात्रों को भाषण कला का अभ्यास करने का मौका मिलता है।
प्रश्न 4. भाषण गतिविधि से क्या लाभ हो सकता है?
उत्तर : भाषण गतिविधि से छात्रों में सोचने, समझने, और विषय को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की क्षमता में सुधार होता है, जो उनके सामाजिक और व्यक्तिगत विकास में मदद करता है।
प्रश्न 5. आशु भाषण क्या होता है?
उत्तर : आशु भाषण एक प्रकार की गतिविधि होती है जिसमें विद्यार्थी को दिया गया विषय संक्षिप्त रूप में बोलने का मौका मिलता है, जिसका उद्देश्य विषय को सार्गर्भित और संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करना होता है।
प्रश्न 6. आशु भाषण की तैयारी के लिए कितना समय दिया जाता है?
उत्तर : आशु भाषण की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को लगभग 9 दिन का समय मिलता है, जिसमें वे उन विषयों को संक्षिप्त करने का अभ्यास करते हैं, जो उन्हें पहले निबंध के लिए दिए गए थे।
प्रश्न 7. आशु भाषण के लिए कितना समय दिया जाता है बोलने के लिए?
उत्तर : आशु भाषण के लिए विद्यार्थियों को न्यूनतम 2 से 5 मिनट का समय दिया जाता है, जिसमें वे पूरे विषय को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 8. आशु भाषण के द्वारा छात्रों को कैसे अंक प्राप्त होते हैं?
उत्तर : आशु भाषण के द्वारा छात्रों के अंकों का निर्धारण प्रस्तुति, भाषा शैली, विषय वस्तु के लिए दिए जाते हैं, जिनमें प्रस्तुति और भाषा शैली के लिए चार-चार अंक, विषय वस्तु के लिए 10 अंक और समग्र प्रभाव के लिए 2 अंक शामिल होते हैं।
प्रश्न 9. आशु भाषण की गतिविधि से छात्रों को कैसे लाभ होता है?
उत्तर : आशु भाषण की गतिविधि से छात्रों में आत्मविश्वास पैदा होता है, उनमें नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं, और वे विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में साक्षात्कार के प्रतियोगिता में भाग लेने की क्षमता विकसित करते हैं।
प्रश्न 10. तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण क्या होता है?
उत्तर : तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण एक गतिविधि है जिसमें विद्यार्थियों को एक विशिष्ट विषय पर त्वरित भाषण देना होता है, जिसमें उन्हें दिए गए विषय के संदर्भ में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है, यह गतिविधि चित्रों के माध्यम से भी की जा सकती है, जिसमें छात्रों को दिए गए चित्र के संदर्भ में तात्कालिक भाषण देना होता है।
प्रश्न 11. तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण की महत्ता क्या है?
उत्तर : तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण का महत्त्व यह है कि यह गतिविधि छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है और उन्हें नए विचारों को साहसपूर्वक अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।
प्रश्न 12. तात्कालिक / चित्र आधारित भाषण के द्वारा कैसे गुणवत्ता प्राप्त होती है?
उत्तर : इस गतिविधि के द्वारा, छात्रों को चिंतनशील विचारधारा, कल्पना शक्ति, विचारों की तारतम्यता, और भाषा कौशल को सुधारने का मौका मिलता है। वे अपने विचारों को रचनात्मक तरीके से अभिव्यक्त करने की कला सीखते हैं।
प्रश्न 13. कहानी वाचन / Story Telling क्या होता है?
उत्तर : कहानी वाचन एक ऐसी गतिविधि है जिसमें विद्यार्थियों को कहानियों को सुनाने और प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। इसमें वे अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करके कहानियों को तैयार करते हैं और उन्हें अपने शिक्षकों या सहपाठियों के सामने प्रस्तुत करते हैं।
प्रश्न 14. “मैं हूं कहानीकार” गतिविधि क्या है?
उत्तर : “मैं हूं कहानीकार” गतिविधि सीसीएलई के अंतर्गत आती है और इसमें विद्यार्थी अपनी कहानियों को तैयार करने और प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त करते हैं। इन कहानियों के विषय वे स्वयं चुन सकते हैं, जैसे कि मेरा सबसे अच्छा दिन, सबसे प्यारा तोहफा, मेरा जन्मदिन, या अपनी किसी यात्रा की कहानी आदि।
प्रश्न 15. कहानी वाचन के माध्यम से क्या सीखा जा सकता है?
उत्तर : कहानी वाचन के माध्यम से विद्यार्थियों को उनकी कल्पनाशीलता को बढ़ाने, भाषा कौशल को सुधारने, और कहानियों को व्यापक दृष्टिकोण से समझने में मदद मिलती है।
प्रश्न 16. वाद विवाद क्या है?
उत्तर : वाद विवाद एक गतिविधि है जिसमें विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा करने का उद्देश्य होता है। इसमें तर्क और वितर्क का प्रयोग किया जाता है, जिससे किसी विषय को गहराई से समझा जा सकता है।
प्रश्न 17. वाद विवाद के महत्व क्या है?
उत्तर : वर्तमान समय में वाद विवाद का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि यह व्यक्तियों को उनके विचारों को और अधिक समझने और समझाने में मदद करता है। यह गतिविधि विद्यार्थियों को तर्क और विचार को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने की कला सिखाती है, और उन्हें सहिष्णुता के साथ दूसरों के विचारों को सुनना और समझना भी सिखाती है।
प्रश्न 18. कैसे किया जा सकता है वाद विवाद का प्रयोग?
उत्तर : वाद विवाद के द्वारा विद्यार्थियों को किसी विषय पर विस्तृत अध्ययन कर, उस पर अपना विचार बनाने और उसको दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करने की कला सिखाई जा सकती है। इसमें वे दिए गए विषय पर विचार और तर्क करते हैं, और विषय के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों की समझ विकसित करते हैं।
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों को यह सिखाने का प्रयास किया जाता है कि वे न सिर्फ अपनी बात कहें, बल्कि अन्य पक्षों को भी सुनें और समझें, और तर्क और विचार को जरूरी बातों पर लागू करें। इसके परिणामस्वरूप, उनकी रचनात्मक सोच और संवेदनशीलता बढ़ती है, जो उन्हें बेहतर नागरिक बनाता है।
प्रश्न 19. सस्वर कविता वाचन क्या है?
उत्तर : सस्वर कविता वाचन एक गतिविधि है जिसमें कविताओं को सुंदरता और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम सिखाया जाता है।
प्रश्न 20. सस्वर कविता वाचन सीसीएलई में कैसे मदद करता है?
उत्तर : सीसीएलई के तहत विद्यार्थियों को प्रसिद्ध कविताओं का सस्वर वाचन कराया जाता है और उन्हें भाषाई उतार-चढ़ाव को समझने का अवसर प्राप्त होता है।
प्रश्न 21. सस्वर कविता वाचन गतिविधि के माध्यम से क्या सीखा जा सकता है?
उत्तर : सस्वर कविता वाचन गतिविधि से विद्यार्थी शब्दों की ध्वनि को समझते हैं, प्रभावशाली अभिव्यक्ति सीखते हैं, और अपने भाषाई दक्षता को विकसित करते हैं।
प्रश्न 22. सस्वर कविता वाचन की महत्वपूर्ण भूमिका क्या है?
उत्तर : सस्वर कविता वाचन गतिविधि विद्यार्थियों को सुंदरता और भावनाओं को साझा करने का माध्यम प्रदान करती है और उनके भाषाई दक्षता को मजबूत करती है, जो उनके साहित्यिक और भाषाई दृष्टिकोण को विकसित करता है।
प्रश्न 23. डिजिटल प्रेजेंटेशन क्या है?
उत्तर : डिजिटल प्रेजेंटेशन एक तरीका है जिसमें जानकारी को ग्राफिक्स, छवियों, और मल्टीमीडिया के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है, जो कि आमतौर पर स्क्रीन पर दिखाया जाता है।
प्रश्न 24. क्यों डिजिटल प्रेजेंटेशन महत्वपूर्ण है?
उत्तर : डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से विचारों को वर्चुअली और प्रभावी तरीके से साझा किया जा सकता है, जिससे विचारों को और समझाने में सहायक होता है, और यह कारपोरेट और शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न 25. कोरोना काल में डिजिटल प्रेजेंटेशन का क्या योगदान रहा है?
उत्तर : कोरोना काल में, डिजिटल प्रेजेंटेशन ने दुनिया भर में लोगों को ऑनलाइन जोड़ने का माध्यम प्रदान किया, जिससे कि कार्यालय, स्कूल, बाजार, और अन्य स्थानों पर लोग जुड़ सके।
प्रश्न 26. डिजिटल प्रेजेंटेशन गतिविधि के तहत क्या सिखाया जाता है?
उत्तर : डिजिटल प्रेजेंटेशन गतिविधि के दौरान, विद्यार्थियों को दिए गए टॉपिक पर प्रेजेंटेशन बनाने के लिए कैसे डिजिटल सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना है और कैसे प्रस्तुतीकरण करना है, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्रश्न 27. पेपर प्रेजेंटेशन का क्या मतलब है?
उत्तर : पेपर प्रेजेंटेशन में, विद्यार्थियों को दिये गए टॉपिक पर प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए कैसे लिखना और तैयार करना है, यह सिखाया जाता है, जिसमें वे पेपर या स्क्रीन के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत करते हैं।