21 वी सदी के कौशलों पर आधारित सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन CCLE कार्यक्रम का सृजन किया गया जिससे हमारे विद्यार्थी आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके और आनंददायी वातावरण मे शिक्षा प्राप्त कर सक्रिय नागरिकों के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें ।
राष्ट्रीय अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के द्वारा शिक्षा मे नवाचार एवं परिवर्तनों के द्वारा शिक्षा जगत में निरंतर कार्य किया जाता है । तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय जो वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है , के दिशा निर्देशों के तहत 1993 के प्रमुख संदर्भ “बस्ता बिना बोझ के” Education without burdon की थीम पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2000 के लिए अपने सुझाव दिए । इस समस्त प्रक्रिया को प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में गठित समिति के सामाने रखा गया । इस समिति मे क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों जैसे मैसूर, अजमेर, भुवनेश्वर, भोपाल एवं शिलॉन्ग में आयोजित संगोष्ठियों के द्वारा अनेक प्रकार के प्रस्तावों का संगह किया जिसमे अनेक शिक्षाविद एवं जनसामान्य शामिल हुए थे ।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को देश के सामने प्रस्तुत किया । इस नीति का केन्द्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा अनुमोदन करने के उपरांत देश के लिए समर्पित कर दिया गया । इस नीति को 21 वी सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लाया गया । समायानुसार आवश्यकताएं भी बदलती रहती है अतः स्वामी विवेकानंद की उस बात पर अमल किया गया जिसमे उन्होंने कहा था : मनुष्य की अंतर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिन्दु :
- इसके अनुसार परंपरागत विषयों कला , विज्ञान , व्यावसायिक विषय एवं अन्य विषयों के सैद्धांतिक पक्ष और व्यावसायिक पक्ष के साथ पाठ्येततार गतिविधियों में अधिक अंतर नहीं रहेगा ।
- कक्षा 6 से ही पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल कर दिया जाएगा और इसमें intership की भी व्यवस्था की जाएगी ।
- राष्ट्रीय अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद National Educational Research and Training के द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा National Curriculum Framework तैयार किया जाएगा ।
भविष्य की शिक्षा कैसी हो ?
- 15 से 17 जून में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला मे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सभी प्रदेश के प्रमुख सचिवों की बैठक हुई जिसमे बहुत से बिंदुओं पर चर्चा की गई ।
- उक्त बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विधयार्थियों में ऐसी Skills पैदा की जाए जो 21 वी सदी के अनुरूप बदलती वैश्विक और आर्थिक उपलब्धियों पर खरा उतरे ताकि नई पीढ़ी वैश्विक स्तर से अपने आप को ऊपर उठाए जो पूरी तरह भारत के नैष्ठिक व्यवहार के अनुरूप हो ।
- देश के सभी प्रदेशों के शिक्षकों को डिजिटल सुविधाओं को उपयोग करने की क्षमता विकसित कि जाए ताकि वे भी आवश्यक संसाधानों जैसे कंप्युटर , औडियो visuals के द्वारा अपने शिक्षण को और भी अधिक प्रभावी बना सकें ।
- कक्षाओं मे बच्चों को एक दूसरे से सीखने के लिए प्रेरित करने हेतु माहौल पैदा किया जाए ।
- कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के विधयार्थियों के लिए 21 वी सदी के कौशलों को विकसित करने की लिए NCF मे पर्याप्त स्थान दिया जाए ताकि प्रत्येक स्तर के बच्चे में कौशल लगातार विकसित होते रहे ।
CCLE की आवश्यकता क्यों ?
- बदलते वैश्विक परिदृश्य में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए मौजूदा शिक्षा प्रणाली मे परिवर्तन की आवश्यकता है ।
- शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा पद्धति के तहत CCLE की आवश्यकता है ।
- भारतीय शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर का बनाने के लिए एवं वैश्विक मानक प्राप्त करने के लिए CCLE की आवश्यकता है ।
- बच्चों में 21 वी सदी के कौशलों को विकसित करने के लिए एवं उन्हे अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम PISA इत्यादि हेतु तैयार करने के लिए समग्र विकास पर आधारित सीसीएलई की आवश्यकता है ।
PISA क्या है ?
- Full form of PISA : Program for International Student Assessment (अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम )
- अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम का आयोजन सबसे पहले 2000 मे किया गया था ।
- आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन द्वारा समन्वित त्रै वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण है जिसमें दुनिया भर के बच्चों की शैक्षिक उपलब्धि का आकलन उनके गणित , विज्ञान एवं अन्य विषयों में मूल्यांकन के उपरांत किया जाता है ।
- यह भारत के स्कूली परीक्षाओं के विपरीत स्मृति एवं पाठ्यचर्या के ज्ञान का परीक्षण नहीं करता है ।
- उदाहरण के लिए , PISA विज्ञान विषय में तीन दक्षताओं को मापता है : वैज्ञानिक घटनाओं को समझने की क्षमता, आंकड़ों की वैज्ञानिक व्याख्या और जिज्ञासाओं को मूल्यांकन कराने की क्षमता ।
- भारत ने PISA में अभी तक सिर्फ एक बार भाग लिया है । वर्षा 2009 में हिमाचल एवं तमिलनाडु के 400 स्कूलों के 16000 बच्चों ने इसमे भाग लिया था । 74 देशों के विस्तारित चक्र में भारत को 72 वें स्थान पर रखा गया था ।
उपरोक्त सभी नीतिगत बातों को ध्यान में रखकर 21 वी सदी के कौशलों पर आधारित सतत एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन कार्यक्रम का सृजन किया गया जिससे हमारे विद्यार्थी आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके और आनंददायी वातावरण मे शिक्षा प्राप्त कर सक्रिय नागरिकों के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें ।
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FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :
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What is the role of the National Council of Educational Research and Training (NCERT) in the field of education?
NCERT continuously works on educational innovations and improvements in the education sector.
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How did the Ministry of Human Resource Development contribute to educational reforms in 1993?
The Ministry of Human Resource Development, now known as the Ministry of Education, introduced the theme “Education without burden” in 1993, setting the direction for educational reforms.
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What was the focus of the National Curriculum Framework for 2000?
The National Curriculum Framework for 2000 emphasized the theme “Education without burden” and provided recommendations for education in India.
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Who chaired the committee responsible for this educational initiative?
Professor Yashpal chaired the committee responsible for this educational initiative.
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How did regional educational institutions like Mysore, Ajmer, Bhubaneswar, Bhopal, and Shillong contribute to this initiative?
These regional educational institutions organized conferences and collected various proposals from educators and the public as part of this initiative.
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Who presented the National Education Policy 2020 in India?
Prime Minister Narendra Modi presented the National Education Policy 2020.
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What is the central government’s role in implementing the National Education Policy 2020?
After approval by the Cabinet, the central government is responsible for implementing the policy across the country.
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What is the main goal of the National Education Policy 2020?
The policy aims to meet the needs of the 21st century by adapting to changing requirements and focusing on holistic development.
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How is Swami Vivekananda’s philosophy incorporated into the policy?
The policy emphasizes that education should express the inherent perfection of each individual, echoing Swami Vivekananda’s belief.
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What are the key points of the National Curriculum Framework for 2000?
The key points include reducing the distinction between academic and vocational subjects, introducing vocational education from Class 6, and developing the National Curriculum Framework (NCF) by the National Council of Educational Research and Training (NCERT).
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What was discussed during the meeting chaired by Prime Minister Narendra Modi in Dharamshala, Himachal Pradesh?
The meeting focused on developing skills in students that align with the changing global and economic landscape and enhancing the overall education system.
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Why is there a need for Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation (CCLE)?
CCLE is essential to adapt the current education system to meet the economic demands of the changing global scenario and improve education quality.
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What is PISA, and why is it important in the context of the National Education Policy 2020?
PISA stands for Program for International Student Assessment. It assesses students’ abilities in math, science, and other subjects. It is important for aligning India’s education system with global standards and evaluating 21st-century skills in students.
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How has India participated in PISA in the past?
India has participated in PISA only once in 2009, with students from Himachal Pradesh and Tamil Nadu taking part. India ranked 72nd out of 74 participating countries in the extended cycle of PISA.
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What is the overarching goal of creating a program based on 21st-century skills?
The goal is to prepare students for the challenges of the future, create a joyful learning environment and enable them to actively contribute as responsible citizens in nation-building.
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Why is there a need for CCLE (Continuous and Comprehensive Learning and Evaluation)?
CCLE is necessary to adapt the existing education system to fulfill the requirements of a changing global landscape.
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How does CCLE contribute to improving the quality of education and fostering innovation and research?
CCLE is essential for enhancing the quality of education and promoting innovation and research in the education sector.
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Why is it important to introduce CCLE to align the Indian education system with global standards?
Introducing CCLE is crucial to bring the Indian education system in line with global standards and practices.
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What is the role of CCLE in developing 21st-century skills in children and preparing them for international student assessment programs like PISA?
CCLE plays a pivotal role in developing 21st-century skills in children and preparing them for international student assessment programs such as PISA.